देश,समाज में नित नवीन नौटंकी घट रही है. कभी कोई बाबा आस्था को तार-तार कर जाता है तो कभी कोई दहशतगर्द... देश,समाज में नित नवीन नौटंकी घट रही है. कभी कोई बाबा आस्था को तार-तार कर जाता है...
है कैसे परिवेश में तू, स्थिति का ध्यान धर ले। है कैसे परिवेश में तू, स्थिति का ध्यान धर ले।
कातर स्वर ... अरे, अब तो जाग जाओ। कातर स्वर ... अरे, अब तो जाग जाओ।
आत्मविश्वास और बहादुरी यदि आप में हैं। आत्मविश्वास और बहादुरी यदि आप में हैं।
सोचने की बात यह है स्थिति से उभरा कैसे जाए इससे निपटा कैसे जाए । सोचने की बात यह है स्थिति से उभरा कैसे जाए इससे निपटा कैसे जाए ।
जबकि मजबूत आदमी की, आर्थिक स्थिति को होना था। जबकि मजबूत आदमी की, आर्थिक स्थिति को होना था।